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कुबेरेश्वरधाम पर आस्था का महाकुंभ, लाखों की संख्या में पहुंचे श्रद्धालु

नितिन जौहरी दैनिक केसरिया हिंदुस्तान

सीहोर-समिति और प्रशासन ने दस लाख से अधिक श्रद्धालुओं के ठहरने, भोजन और कथा श्रवण करने के किए बेहतर इंतजाम गुलाब का कांटों के बीच खिलना हमारे जीवन के लिए प्रकृति का संदेश-अंतर्राष्ट्रीय कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा
सीहोर। इस सृष्टि में हम जिस विपत्ति को कांटों की चुभन की तरह कष्टकारक समझते है, उसका भी हमसे गुलाब के कांटों जैसा ही अनोखा रिश्ता है। गुलाब का कांटों के बीच खिलना हमारे जीवन के लिए प्रकृति का संदेश है कि जीवन फूलों की सेज नहीं है। जैसे गुलाब में केवल कोमलता ही नहीं होती, उसी तरह जीवन भी सुख-दुख का संगम है। जिसने यह रहस्य समझ लिया, वह हर अभिशाप को भी वरदान बना लेता है। गुलाब का फूल और मनुष्य का शरीर दुखों और कांटों के मध्य रहता है। हमें अपने जीवन को सरल और सहज बनाकर अपने आपको सुखी रखना है। शिव पुराण का यही संदेश है कि भगवान शिव की आराधना करने वाला नहीं रहता दुखी। भगवान भोलेनाथ की भक्ति में बहुत ही शक्ति है। भोलेनाथ पर विश्वास करने वालों की पलट जाती है किस्मत। उक्त विचार जिला मुख्यालय स्थित कुबेरेश्वरधाम पर मंगलवार से आरंभ हुई सात दिवसीय रुद्राक्ष महोत्सव के पहले दिन लाखों श्रद्धालुओं से कहे। पहले दिन सुबह यहां पर रुद्राक्ष के निर्मित रुद्राक्ष शिव लिंग का पूर्ण विधि-विधान से अभिषेक का क्रम सुबह नौ बजे से आरंभ किया गया और दोपहर में शिव महापुराण का शुभारंभ किया गया।कुबेरेश्वर धाम में मंगलवार से रुद्राक्ष महोत्सव का आगाज हो गया है। यह महोत्सव 3 मार्च तक चलेगा। इसके लिए वि_लेश सेवा समिति और प्रशासन ने इस आयोजन के लिए व्यापक स्तर पर तैयारियां की हैं। महोत्सव को लेकर दो दिन पहले से ही श्रद्धालुओं की भीड़ जुटनी शुरू हो गई। रविवार रात तक पंडाल और डोम श्रद्धालुओं से भर गए। मंगलवार को अंतर्राष्ट्रीय कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा ने पंडाल की भोजनशाला में हजारों श्रद्धालुओं को नुक्ती, मिक्चर, रोटी, सब्जी और खिचड़ी-चावल का प्रसाद वितरण किया।

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