दैनिक केसरिया हिंदुस्तान ब्यूरो सिंगरौली अनुरोध शुक्ला
सिंगरौली/सीधी– माननीय उच्च न्यायालय में याचिका क्रमांक 9139/2023 पर आदेश जारी होने के बाद ललितपुर-सिंगरौली रेल लाइन प्रभावित गैर-अवार्डधारियों से राशि वापसी की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई है।इस प्रक्रिया के तहत ग्राम छीवा के गैर-अवार्डधारी दुर्गा शंकर द्विवेदी द्वारा निर्धारित राशि जमा न करने पर कुर्की का आदेश पारित किया गया है। तहसीलदार,तहसील देवसर द्वारा प्रकरण क्रमांक 0001/अ-18/2024-25 में कुर्की आदेश जारी कर राशि वसूली की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।गौरतलब है कि इस मामले से संबंधित पांच अन्य याचिकाएँ क्रमांक WP 18797/2022, 22764/2022, 19342/2022, 5729/2024 और CONC 666/2025 पर भी एक साथ सुनवाई की जा रही है।यदि इन याचिकाओं में भी उच्च न्यायालय द्वारा इसी प्रकार का आदेश पारित किया जाता है,तो अन्य गैर-अवार्डधारियों से भी पूर्व में किए गए भुगतान की राशि की वसूली की प्रक्रिया प्रारंभ की जाएगी।खैर देखना यह महत्वपूर्ण होगा कि अन्य गैर-अवार्डधारियों से राशि वसूली की प्रक्रिया कब तक पूरी की जाती है और प्रशासन इस मामले में आगे क्या कदम उठाता है।
तहसीलदार द्वारा पारित कुर्की आदेश को बताया अधिकार क्षेत्र से बाहर
मजे की बात तो यह है कि ललितपुर सिंगरौली रेल लाइन परियोजना में गैर अवार्ड धारियों से राशि वसूली प्रक्रिया उच्च न्यायालय के आदेश जारी होने के बाद शुरू तो कर दिया गया किंतु जिनके विरुद्ध यह आदेश पारित किया गया है उन्होंने अपने दिए गए जवाब में लेख किया है कि उक्त वसूली की कार्यवाही का अधिकार तहसील न्यायालय के क्षेत्राधिकार से बाहर है।क्योंकि आवेदक का मामला भू-अर्जन अधिनियम 2013 की धारा 75 से संबंधित होने से भू-अर्जन अधिकारी (कलेक्टर) धारा 92 भू-अर्जन अधिनियम के अन्तर्गत नियमानुसार वसूली की कार्यवाही करने के लिये सक्षम है।उन्होंने यह भी लेख किया है कि मेरे अलावा सीधी सिंगरौली रेल लाइन में 2097 व्यक्तियों को भू-अर्जन अधिकारी द्वारा धारा 75 में हितबध्द मानकर गैर भूमिस्वामी के मकानों की राशियों का भुगतान किया गया है।