दैनिक कैसरिया हिन्दुस्तान
सरदारपुर-सरदारपुर विधानसभा की ग्राम पंचायत लाबरिया के गावं गंगातलाई को मुख्य सड़क तक नहीं जोड़ा गया है पक्की सड़क नहीं बनने पर बरसात के दिनों में ग्रामीणों का मुख्य रोड तक पहुंचने तक का रास्ता बंद हो जाता है। ग्रामीण गांव में रहते हुए भी मुसीबत भरा जीवन व्यतीत कर रहे हैं। मगर अभी तक गांव में शासन व प्रशासन द्वारा मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध नहीं कराई गई हैं। सुविधाएं नहीं मिलने के कारण ग्रामीणों में जनप्रतिनिधियों के खिलाफ आक्रोश बढ़ता जा रहा है। इस संबंध में ग्रामीणों ने पंचायत से लेकर कलेक्टर तक शिकायत कर चुके हैं, लेकिन समस्या को लेकर अभी तक सुनवाई नहीं की गई है। जब कही सुनवाई नहीं हो रही थी तो ग्रामीणों ने अपनी समस्या महिला कांग्रेस धार जिलाध्यक्ष मैना मारू को बताया, समस्या सुनने के लिए जिलाध्यक्ष मैना मारू ग्रामीण पत्रकार संघ सरदारपुर के सदस्यों को लेकर सेमलिया टोड़ी गावं पहुचें और ग्रामीणों से चर्चा की इस दौरान ग्रामीणों ने मिडिया के समक्ष समस्या बताते हुए कहा कि ग्राम पंचायत लाबरिया का गावं गंगातलाई तीन तोड़ी (माचर पाड़ा, सेमलिया टोड़ी, गंगातलाई) में बटा हुआ है, जिसकी कुल जनसँख्या 600 के लगभग है गंगा तलाई के पास माही नदी बह कर जा रही है जिसमें इस क्षेत्र को डूब क्षेत्र बोला जाता हैं इसीलिए कुछ लोग वहां से उठकर अलग-अलग अपनी जगह पर बस गए जहां उनकी थोड़ी-थोड़ी सी जमीन है जिस पर खेती और मजदूरी करते हैं । अभी तक नल जल योजना भी हमारे गावं में नहीं पहुँच पाई है गावं में सर्वे तो हुआ था किन्तु उसके बाद में कोई कार्यवाही नहीं हुई तो ग्रामीणों ने इसकी शिकायत ग्राम पंचायत के सरपंच, क्षैत्र के विधायक और जनसुनवाई कलेक्टर धार में भी करी पर समस्या का हल अभी तक नहीं हुआ ।
सेमलिया टोड़ी के ग्रामीणों का कहना है कि हम शासन एवं प्रशासन एवं स्थानीय जनप्रतिनिधियों से कुछ नहीं मांगते बस हम हमारे बच्चों का भविष्य के लिए सोचते हैं कि सेमलिया टोड़ी से एक से दो किलोमीटर का पक्की सड़क बन जाये जो मुख्य सडक से गावं जुड़ जाये तो बारिश के दौरान ग्रामीणों एवं स्कुल के बच्चो को आने जाने में परेशानी नहीं हो । ग्रामीणों के अनुसार जब बारिश ज्यादा होती है उस दिन गावं के बच्चे स्कूल नहीं जाते हैं साथ ही ग्रामीण परिवार दूध उत्पादन का कार्य करते हैं और समीप गावं बोडिया में दूध डेरी में बेचने जाते हैं तो रास्ता खराब होने के कारण गाड़ी फिसल जाती है जिससे कभी कभी आर्थिक नुकसान भी होता है ।
दलदल में से निकलने को मजबूर हैं ग्रामीण
ग्रामीणों ने गांव की दुर्दशा सुधारने के साथ ही पक्की सड़कें और पानी की व्यवस्था कराई जाने की मांग की है। दरअसल गांव सेमलिया टोड़ी के लोग आज भी बुनियादी समस्याओं से जूझ रहे हैं। गांव के लिए न हीं पक्की रोड बनाई गई है और न हीं पीने के पानी की सुविधा है। ग्रामीण प्रशासन की सेवाओं से वंचित रहकर दलदल में से निकलने को मजबूर हैं। बदहाली में जीवन व्यतीत कर रहे गांव सेमलिया टोड़ी वासी कई बार शासन व प्रशासन के अधिकारियों के पास समस्या को लेकर पहुंचे हैं, लेकिन विकास के नाम पर गांव शासन के नक्शे में कोसों दूर है। ग्रामीणों का कहना है कि चुनाव के वक्त राजनैतिक लोग वादा करके चले जाते हैं, गांव के सरपंच एवं क्षैत्र के विधायक ने भी चुनाव होने से पहले लोगों को भरोसा दिलाया था कि हम गांव में विकास लाएंगे।इस दौरान ग्रामीण जन दिनेश मेडा, भागीरथ खराड़ी, सुरेश परमार, लिम्बा मेडा, गोबा मेडा, भोपान सोलंकी, कैलाश मेडा, कालूराम मेडा, विष्णु मेडा, राजेश मेडा, अर्जुन परमार, विजय मेडा, जितेन मेडा, सुभाष निनामा, रमेश परमार सहित अन्य ग्रामीण मौके पर उपस्थित थे ।सरपंच प्रतिनिधि रमेश ओसरी ने इस सबंध में बताया कि प्रधानमंत्री सडक योजना के अंतर्गत पक्की सडक बनाने का प्रस्ताव बनाकर भेज दिया हैं जल्दी ही बन जाएगी एवं जल निगम विभाग ने गावं में सर्वे किया हैं पर अभी स्वीकृत नहीं हुआ हैं ।