नौशाद अहमद कुरैशी दैनिक केसरिया हिंदुस्तान मो. 9977365001
श्योपुर-श्योपुर विधायक बाबू जंडेल के नेतृत्व में मंगलबार को कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने श्योपुर कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचकर एक ज्ञापन सौंपा है। ज्ञापन में बताया कि नगर के नागरिको की सुविधाओ एवं समस्याओ के समाधान के लिये गठित हैं उसके जनसामान्य की समस्याओं के एवं नागरिको के सामान्य कार्यों को समय पर निपटारा करने के बजाय जनता के कार्यों को लटकाये रखना एवं जनता को परेशान करना एवं छोटे छोटे कामो के करने के के बदले दबाव बनाकर पैसे वसूल करना आम बात हो गई है। इस कारण नगर पालिका परिषद के साथ साथ सरकार की छवि भी धूमिल हो रही है। नगर पालिका के वरिष्ठ अधिकारियो द्वारा नागरिको के साथ अभद्रता पूर्ण व्यवहार करना भी आम बात हो गई है। इस कृत्य में ऐसा प्रतीत होता है कि नगर पालिका अध्यक्ष महोदय एवं अपने पति श्री सुजीत गर्ग का भी नगर पालिका अधिकारियो को खुला संरक्षण प्राप्त है। नगर पालिका अध्यक्षा महोदया का जनता से कोई सरोकार नहीं रह गया है, अध्यक्षा महोदया जन सामान्य की सुविधाओ एवं समस्याओ को अनदेखा कर रही है। इस सम्बन्ध में अनुरोध में निम्न बिन्दुओ के साथ प्रस्तुत है
यह कि नगर पालिका अध्यक्षा महोदया ने नगरपालिका राशि में से लाखो रूपये व्यय करके अपने स्वंय के निवास हेतु बगला बना लिया है। तथा उस बंगले में परिवार सहित निवासरत् है। जबकि नगर पालिका परिषद के अध्यक्षा या पार्षद को आवास प्रदाय करने का कोई नगरपालिका अधिनियम के तहत अधिकार एवं पात्रता नही हैं ओर ना हि कोई प्रावधान म०प्र० शासन ने दिये है। इस सम्बन्ध में म०प्र० विधान सभा में माननीय श्योपुर विधायक जी द्वारा उठाये गये एक प्रश्न क्र. 103 (क्र. 1420) के उत्तर में माननीय नगरीय विकास एवं आवास मंत्री जी ने बताया कि प्रदेश में नगरीय निकाय अध्यक्ष को आवास आवंटन किये जाने हेतु शासन के कोई दिशा निर्देश नहीं है। इसके उपरान्त नगर पालिका अध्यक्षा महोदया अवैध रूप से आज तक परिवार निवासरत् है। इस बंगले को तत्काल रिक्त (खाली) कराये जाने का कष्ट करें।
यह कि नगर पालिका निधि का दुरूपयोग कर बाजार भाव से 10 गुना अधिक दरों पर सामग्री क्रय की जा रही है. जो सीधा-सीधा भ्रष्टाचार की श्रेणी में आता है। नगरपालिका परिषद ने स्वच्छता आयोजन के तहत डस्टबिन कृय किये है जिसमें भारी घोटाला किया गया है। नगर पालिका परिषद श्योपुर ने 9998 में प्रतिसेट डस्टबिन कृय किये हैं. जिससे लाखो रूपये का भ्रष्टाचार किया गया है, तथा नगरपालिका निधि का दुरुपयोग किया गया है. डस्टबिन सेट का बाजार भाव आज भी लगभग 1800/- रूपये प्रति सेट है तथा पूर्व परिषद ने ऐसी ही 25 ली. की डस्टबिन को 1718/- रूपये प्रति सेट के मान से कृय किया था। ऐसे स्थिति में वर्तमान परिषद लाखो रूपये का गोलमाल किया है जिसकी जॉच करायी जाना आवश्यक है इस सम्बन्ध में कार्यवाही की जावे।
यह कि नगरपालिका ने बाजार भाव से 5 गुना अधिक दरो पर 480 मीटर स्पीड ब्रेकर 3500/- रूपये प्रतिमीटर के मान से कृय किये हैं जिसमें नगर पालिका निधी का लाखो रूपये का दुरूपयोग किया गया है। तथा सामग्री भी पूरी नही मंगाई गयी हैं। ना ही नगर में लगाई गयी है, ओर फर्जी तोर पर स्टक एन्ट्री करके लगाना बता दिया गया है। इसकी जांच करायी जावें और कार्यवाही की जावें।
यह कि नगरपालिका परिषद श्योपुर इतनी निरकुश हो गई है कि वार्ड नं. 03 बोहरा मोहल्ला में एक क्षतिग्रस्त बिल्डिंग 100 वर्ष से स्थित होकर दाउदी बोहरा परिवार शब्बीर हुसैन पुत्र मोहम्मद हुसैन निवासरत् परन्तु क्षतिग्रस्त होने से पुर्ननिर्माण हेतु मकान मालिक द्वारा हटा दिया गया था। उस भवन के हटने के बाद अवैध रूप से उक्त मकान के प्लाट पर जबरन नगरपालिका सम्पत्ति का बोर्ड लगा दिया गया है, और नगरपालिका उस प्लाट को अपनी सम्पत्ति बता रही है। जो असवेधिानिक कृत्य हैं इसके विरूद्ध नगर पालिका के वरिष्ठ अधिकारियो पर आपराधिक प्रकरण कायम कराया जाना आवश्यक हैं तथा मकान मालिक को हुई मानसिक क्षति की भरपाई करायी जावे।
यह कि नगरपालिका श्योपुर ने अध्यक्षा महोदया के संरक्षण में आवश्यक से अधिक पेयजल हेतु टूयूबबैल के संचालन के लिये राईजिंग पाईप केवल तथा समर्सीबल पम्प (मोटरे) कृय करना बताकर लाखो रूपये का घोटाला किया है। सामग्री कृय किये बिना ही फर्जी बिल लगा लगाकर लाखो रूपये का भुगतान किया गया है, फर्जी स्टाक एन्ट्रीया की गई है. तथा जिन आई.एस.आई.मार्क कम्पनी से टेण्डर लिये गये है उनसे सामग्री कृय नहीं करके लोकल फर्मों से लोकल (गुणवत्ताहीन) सामग्री कृय कर ली गई है जो नगरपालिका निकाय की निधी का सीधा-सीधा दुरूपयोग एवं भृष्टाचार अनियमितता की श्रेणी में आता है। इसकी नगरपालिका स्टाक रजिस्टर को जप्त कर जांच करायी जाना आवश्यक है।
यह कि नगर पालिका अध्यक्षा महोदया ने वाहनो की मरम्मत एवं रख रखाव के नाम पर अपने एक निजी रिश्तेदार शिवम मशीनरी नामक फर्म को ठेका दे रखा है तथा इस निजी रिश्तेदार की फर्म क नाम पर लाखो रूपये का वाहनो की मरम्मत के नाम पर फर्जी भुगतान दिया जा रहा है जिससे नगर पालिका निधी का अकारण दुरूपयोग हो रहा है जाँच कराया जाना आवश्यक है।