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नेशनल लोक अदालत आज – जेपी राठौर

नौशाद अहमद कुरैशी दैनिक केसरिया हिंदुस्तान मो. 9977365001

श्योपुर! म.प्र.राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जबलपुर के दिशा निर्देशानुसार 8 मार्च को नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया जा रहा है! नेशनल लोक अदालत में विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 135 के अंतर्गत न्यायालयों में लंबित प्रकरणों में निराकरण के लिए निम्नदाब श्रेणी के समस्त घरेलू,कृषि, 5 किलो वाट भार तक के गैर घरेलू 10 अशवशक्ति भारत के औद्योगिक उपभोक्ताओं को छूट दी जाएगी!
मध्य प्रदेश शासन ऊर्जा विभाग द्वारा जारी परिपत्र के अनुसार प्रीलिटिगेशन स्तर पर कंपनी द्वारा आंकलित सिविल दायित्व की राशि पर 30 प्रतिशत एवं आंकलित राशि के भुगतान में चूक किए जाने पर निर्धारण आदेश जारी होने की तिथि से 30 दिवस की अवधि समाप्त होने के पश्चात प्रत्येक छमाई चक्रवृद्धि दर अनुसार 16 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से लगने वाले ब्याज की राशि पर 100 प्रतिशत की छूट दी जाएगी! लिटिगेशन स्तर पर कंपनी द्वारा आंकलित सिविल दायित्व की राशि पर 20 प्रतिशत एवं आंकलित राशि के भुगतान में चूक किए जाने पर निर्धारण आदेश जारी होने की तिथि से 30 दिसंबर की अवधि समाप्त होने के पश्चात प्रत्येक छमाही चक्र वृद्धि दर अनुसार 16 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से लगने वाले ब्याज की राशि पर 100 प्रतिशत की छूट दी जाएगी! आवेदक को निर्धारित छूट के उपरांत शेष देय आकलित सिविल दायित्व एवं ब्याज की राशि का एक मुस्त भुगतान करना होगा! उपभोक्ता का विचाराधीन प्रकरण वाले परिसर एवं अन्य परिसरों पर उसके नाम पर किसी अन्य संयोजन के विरुद्ध विद्युत देयक की बकाया राशि का पूर्ण भुगतान भी करना होगा आवेदक के नाम पर कोई विधिक संयोजन न होने की स्थिति में छूट का लाभ प्राप्त करने हेतु आवेदक द्वारा विधिक संयोजन प्राप्त करना एवं पूर्व में विच्छेदित योजनाओं के विरुद्ध बकाया राशि यदि कोई हो का पूर्ण भुगतान किया जाना अनिवार्य होगा! नेशनल लोक अदालत में छूट आवेदक द्वारा विद्युत चोरी अथवा अनाधिकृत उपयोग पहली बार किये जाने की स्थिति में ही दी जाएगी!विद्युत चोरी या अनाधिकृत उपयोग में प्रकरणों में पूर्व की लोक अदालत अथवा अदालतों में छूट प्राप्त किए उपभोक्ता यह उपयोगकर्ता छूट के पात्र नहीं होंगे! सामान्य विद्युत देयको के विरुद्ध बकाया राशि पर कोई छूट नहीं दी जाएगी!यह छूट 08 मार्च को आयोजित होने वाली नेशनल लोक अदालत में दी जा रही है, छूट आंकलित सिविल दायित्व राशि 10 लाख तक के प्रकरणों के लिए सीमित रहेगी! यह छूट में 8 में समझौता करने के लिए ही लागू रहेगी!अपराध शमन फीस अधिनियम के प्रावधान अनुसार वसूल की जाएगी!

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