“दैनिक केसरिया हिंदुस्तान जिला ब्यूरो दीपक बंशपाल
बालाघाट-वैसे तो सरकारी विभागों मे कागजी दस्तावेज बनवाना डिजिटलाइजेशन के युग में बहुत आसान हो गया, लेकिन अभी भी शासकीय विभागों में कुछ ऐसे काम होते हैं , दिन में डिजिटल माध्यम से सर्टिफिकेट नहीं बनाया जा सकता, अर्जुन माध्यमों में डिजिटाइजेशन नहीं है, वहां पर अधिकारी एवं कर्मचारी मनमानी ढंग से पैसों की वसूली कर सरकारी दस्तावेज बनाते हैं, जिस प्रशासन प्रशासन का किसी प्रकार का कोई नियंत्रण नहीं होता, और विभागीय लापरवाही की वजह से आम जनमानस को कष्ट उठाने पड़ते हैं, और आए दिन सरकारी विभागों के चक्कर काटने पड़ते हैं.
ऐसा ही एक मामला बालाघाट जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र परसवाड़ा में सामने आया हैँ, जिसमें सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र परसवाड़ा के विभाग प्रमुख, अर्थात ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर, के द्वारा मेडिकल सर्टिफिकेट सरकारी दस्तावेज बनाने के नाम पर ₹500 की मांग कर बार-बार उसे ऑफिस के चक्कर लगवाए गए.
और मामले के संज्ञान में आते ही , ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर ने पत्रकारों के साथ हुई, हुई बात में भी इस मामले पर ₹500 मांगे जाने की बात स्वीकारी.
लोगों का यह भी आरोप है कि ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर सप्ताह में कई दिन परसवाड़ा में न रहकर बाहर ही रहते हैं, एवं बाहर ही अपनी सेवाएं प्रदान करते हैं, एक शासकीय एमबीबीएस डॉक्टर की पोस्टिंग जहां है, वहां से अन्यत्र कहीं और अपनी सेवाएं देते हैं, हम लोगों के द्वारा लगाएगा यह आप कितने सही है या गलत या तो एक जांच का विषय है, लेकिन एक छोटे से कागज को बनाने के लिए ₹500 की मांग की जाना और वह भी एक शासकीय पद में रहकर यह दर्शाता है कि, शासकीय विभागों में भ्रष्टाचार किस चरम पर है ।
अब क्या बालाघाट कलेक्टर इस मामले पर संज्ञान लेते हुए, जांच एवं कार्यवाही सुनिश्चित करेंगे, या फिर ऐसा ही सिलसिला, लगातार चलता रहेगा यह आने वाले समय ही बतलाएगा l