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शहर में अपराधियों का तांडव तीन दिन में दो कत्ल कई जगह चली गोलियां थाना प्रभारियों की तानाशाही के चलते उच्च अधिकारी हुए बेबस

वकील पत्रकार डॉक्टर समाजसेवी हाशिए पर

लक्ष्मण सिंह परिहार संपादक प्रदेश समय
ग्वालियर कहा जाता है कि जब राजा अन्यायी हो जाए तो उसके सेनापति आतताई हो जाते हैं और इसके बाद समूचा राज्य अ व्यवस्था के अंधेरे में डूब जाता है ऐसे में समाज के ऐसे लोग जो समाज के लिए हमेशा समर्पित रहते थे दुखी और परेशान रहने लगते हैं तब उसे राज्य का पतन शुरू हो जाता है ऐसा ही कुछ ग्वालियर की पुलिस के साथ होता दिखाई पड़ता है
शहर के चारों ओर आतताइयों का तांडव चल रहा है और यहां के राजा अर्थात पुलिस अधीक्षक धर्मवीर सिंह यादव अपने सेनापतियों के साथ इन आड़ीतायों का सहयोग करते नजर आ रहे हैं चारों ओर इस तरह का माहौल है की आम जन तो क्या खास को भी अपनी इज्जत बचाना मुश्किल हो रहा है
अभी हाल ही में वकीलों ने पुलिस अत्याचार के खिलाफ सड़क जाम करके आंदोलन किया था उन्हें आश्वासन भी मिले कि उनके साथ सम्मानपूर्वक व्यवहार किया जाएगा लेकिन उसकी एक दिन बाद ही पुरानी छावनी थाने में अपने क्लाइंट पर हुए दर्ज मामले की जानकारी लेने पहुंचे वकील साहब को ही थाने में बंद कर दिया गया जब न्यायविदों ने इसमें हस्तक्षेप किया तब कहीं जाकर वकील साहब थाने से छूटे और टी आई साहब को लाइन अटैच करके मामले को रफा दफा करने का प्रयास किया गया उसके ठीक 2 दिन बाद महाराजपुर थाने में शिकायत दर्ज करने गए एक समाजसेवी को ही आरोपी बनाकर थाने में बैठा लिया गया अपराध चरम पर हैं और ऐसे में यदि कोई इन अपराधियों के खिलाफ आवाज उठाता है तो वह आरोपी बन जाता है ऐसा ही कुछ हुआ दैनिक प्रदेश समय के संवाददाता अनूप चौहान के साथ उन्हें सूचना मिली थी कि विक्की फैक्ट्री के पास कुछ लोग अवैध हथियारों की दम पर ट्रक वालों से अवैध वसूली कर रहे हैं इस जानकारी को कंफर्म करने के लिए जब वह है मौका ए वारदात पर पहुंचे और अपने मोबाइल से वीडियो बनाने लगे तो पुलिस द्वारा पोषित इन अपराधियों ने उन्हें बंधक बना लिया उनकी गाड़ी का ड्राइवर भाग कर झांसी रोड थाना पहुंचा और पुलिस से सहायता की मांग की तो वहां उपस्थित एक हेड कांस्टेबल और थोड़ी देर बाद आए उपरीक्षक शर्मा का कहना था की अनूप चौहान हमारी रिश्वत लेते हुए वीडियो बनाता है इसलिए पहले उसे ढंग से पिट जाने तो तब हम सहयोग करेंगे इसके साथ ही उपनिरीक्षक शर्मा ने सूचना देने गए ड्राइवर को थाने में ही बना दिया और उसकी गाड़ी को जप्त कर लिया ताकि वह सहयोग के लिए कहीं और ना जा सके
अनूप चौहान जैसे तैसे बचकर अपने कैमरामैन के साथ थाने पहुंचे तो उपनिरीक्षक शर्मा ने उनके साथ अभद्रता करते हुए थाने में बैठा लिया और उनका मोबाइल जिसमें अवैध वसूली के वीडियो थे डिलीट करते हुए जप्त कर लिया इसके साथ ही उनका आइडी कार्ड भी छीन लिया और आनन फानन में उनके खिलाफ शराब पीकर गाड़ी चलाने तथा पुलिसकर्मियों द्वारा कागज मांगे जाने पर ना दिखाने का मामला दर्ज कर दिया और मेडिकल कराने अस्पताल ले गए इसके बाद सुबह सभी पत्रकार थाना प्रभारी मंगल सिंह पपोला से इस मामले की शिकायत करने पहुंचे तो उन्होंने पत्रकारों से कहा की जो लोग अधिमान्य पत्रकार नहीं है हम उन्हें पत्रकार नहीं मानते जब पत्रकारों ने कहा कि जिन व्यक्तियों को किसी भी समाचार पत्र या न्यूज़ चैनल में अधिकृत किया है वह पत्रकार है तो उन्होंने आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल करते हुए उनकी बात को नहीं माना इससे क्षुब्ध होकर सभी पत्रकार आईजी महोदय के पास पहुंचे और उन्होंने अपनी व्यथा उन्हें सुनाई जिस पर उन्होंने कहा कि इस तरह से किसी भी पत्रकार पर मामला दर्ज नहीं किया जा सकता और अनूप चौहान पर भी मामला दर्ज नहीं किया जाएगा तथा गाड़ी पर भी किसी तरह की कार्यवाही नहीं होगी इसके साथ ही उन्होंने इस मामले की जांच के लिए भी आदेश दे दिए लेकिन निरंकुश्ता की हद पार कर चुके थाना प्रभारी मंगल सिंह पपोला और उप निरीक्षक शर्मा ने आईजी महोदय की बात को ना मानते हुए मामले को जुर्माने के लिए माननीय न्यायालय भेज दिया इस पूरे घटना क्रम में थाना प्रभारी की निरंकुशता और वरिष्ठ अधिकारियों की बेबसी साफ नजर आती है क्योंकि यह माना जाता है कि ग्वालियर पुलिस के महाराज आदरणीय एसपी महोदय सीधे-सीधे मुख्यमंत्री से जुड़े हैं इसलिए वह किसी की नहीं सुनते

इनका कहना है
जो पत्रकार अधिमान्य नहीं है वह मेरी नजर में पत्रकार नहीं है यदि वह कहीं भी कवरेज करने जाएंगे तो हम उनका सहयोग नहीं करेंगे संबंधित गाड़ी को हमने विक्की फैक्ट्री से जप्त किया और उसे थाने लेकर आए मंगल सिंह पपोला थाना प्रभारी झांसी रोड

मंगल सिंह पपोला थाना प्रभारी झांसी रोड

इनका कहना हैं

मैंने थाने के गेट से गाड़ी को जप्त किया है और वरिष्ठ अधिकारियों को सूचना देकर मामला दर्ज किया है

आशीष शर्मा उपनिरीक्षक

इनका कहना हैं

पत्रकारों को कवरेज करने से नहीं रोका जाना चाहिए यदि वह किसी अपराधिक घटना को कर कर रहे हैं तो पुलिस को उन्हें सहयोग करना चाहिए मैं सभी अधिकारियों को इस बाबत निर्देश दे चुका हूं पत्रकार अनूप चौहान के साथ ही घटना के बारे में पुलिस अधीक्षक को निर्देशित करूंगा ताकि अनूप चौहान पर किसी तरह का कोई मामला दर्ज न हो और भविष्य में भी किसी पत्रकार के साथ इस तरह की घटना ना घटे

महानिरीक्षक ग्वालियर जोन

इनका कहना है

मेरे साथ मौका ये वारदात पर मारपीट और उसके बाद उप निरीक्षक आशीष शर्मा द्वारा थाने में की गई अभद्रता के खिलाफ माननीय न्यायालय के माध्यम से मामला दर्ज कराऊंगा

अनूप सिंह चौहान पीड़ित पत्रकार

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