दीपक तोमर दैनिक केसरिया हिंदुस्तान खरगोन जिला ब्योरो चीफ
मंडलेश्वर-भारतीय ज्ञान परंपरा प्रकोष्ठ के त्रैमासिक कलेंडर के अनुसार, अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस पर सरदार वल्लभभाई पटेल महाविद्यालय मंडलेश्वर में संगोष्ठी, भाषण एवं निबंध लेखन प्रतियोगिता आयोजित की गई। महाविद्यालय संचालक बी.एम. पाटीदार सर ने बताया कि इस प्रकार के आयोजन से युवा विद्यार्थियों को अपनी पहचान से परिचित होने का अवसर प्राप्त होता है। अकादमिक संचालक संजय गर्ग सर ने बताया कि प्रत्येक मातृभाषा का अपना अलग महत्वपूर्ण स्थान होता है, जिसके प्रयोग से व्यक्तित्व विकास में आत्मीयता आती है।संगोष्ठी संयोजक प्रो हरिवल्लभ शास्त्री ने विद्यार्थियों को बताया कि मातृभाषा सब से अधिक उपयुक्त रहती है , जिसका स्थान कोई ओर भाषा नहीं ले सकती है, आधिकारिक भाषा कोई भी हो, लेकिन जीवंत संपर्क की भाषा सदैव मातृभाषा ही रहती है, मातृभाषा हमेशा सहजता और सरलता प्रदान करती है, क्षेत्रीय भाषा में अपनी निमाड़ी का अनूठा स्थान है। कु. शिवानी केवट और कु. टिवंकल गोस्वामी ने मधुर निमाड़ी लोक गीत का गायन कर सभी को मंत्रमुग्ध किया। कार्यक्रम में अभिषेक जायसवाल (बी.कॉम. द्वितीय वर्ष ) भाषण में अग्रणी रहा। संगोष्ठी में प्रो शिवपाल सिंह पटेल ने विद्यार्थियों को बताया कि यूनेस्को द्वारा 1999 में अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस 21 फरवरी को मनाने का अनुमोदन किया था। किसी भी भाषा में शब्दों की यात्रा बहुत लंबी होती है और उनका प्रयोग का बहुत अधिक महत्वपूर्ण होता है। संवाद सदैव मातृभाषा में ही प्रभावी होता है।कार्यक्रम में प्रीतेश पाटीदार, धर्मेंद्र पाटीदार, प्रो.राजू काले, प्रो. शशांक शुक्ला, प्रो.राजेंद्र पाटीदार, प्रो. मुरलीधर कर्मा, प्रो. अंकित चोरे, प्रो. पूजा सोलंकी , प्रो. सुनीता पाटीदार, प्रो. नाहिद मंसूरी, प्रो. पूजा पांडेय, प्रो. रितु साहू, प्रो.पूजा कुमारवत, प्रो. सुरभि बड़ोले, प्रो जागृति जोशी, प्रो.निहारिका मकवाने, प्रो. सपना वर्मा, प्रो. मुस्कान सेन, प्रो. नितिन यादव, प्रो. धर्मेंद यादव, प्रो. यशवंत कुमार, प्रो. मुस्कान जैन, प्रो. अंजलि बड़ोले, प्रो.किरण एवं सहयोगी राहुल शर्मा, राजेश पटेल के साथ सभी विद्यार्थी उपस्थित रहे।