दिनेश शुक्ला दैनिक केसरिया हिंदुस्तानी
आलोट-आलोट और विक्रमगढ़ में गुरुवार को ओवरब्रिज की मांग को लेकर पूर्ण बंद रहा। स्थानीय लोगों ने प्रशासन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। संघर्ष समिति ने एसडीएम सुनील कुमार जायसवाल को मुख्यमंत्री के नाम और रेलवे स्टेशन अधीक्षक को रेल मंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा।विक्रमगढ़ गेट नंबर 21 पर ओवरब्रिज की मांग पिछले 24 वर्षों से लंबित है। इस रेलवे क्रॉसिंग से आलोट विधानसभा के 50 गांवों का आवागमन होता है। यहां से आलोट-मंदसौर, आलोट-झालावाड़, आलोट-आगर और आलोट-रतलाम स्टेट हाईवे गुजरते हैं।रेलगाड़ियों के आवागमन के दौरान फाटक 30-40 मिनट तक बंद रहता है। इससे दोनों तरफ लंबा जाम लग जाता है। एंबुलेंस, पुलिस और दमकल जैसे आपातकालीन वाहन भी फंस जाते हैं। पिछले वर्षों में फाटक बंद होने से कई मरीजों की मौत हो चुकी है। कई लोग ट्रेन की चपेट में आकर जान भी गंवा चुके हैं।ओवरब्रिज की स्वीकृति 2016-17 में मिल चुकी है। वित्तीय वर्ष 2017 से 2024 के बजट में रेलवे की पिंक बुक में यह प्रोजेक्ट शामिल है। स्थानीय लोगों ने 15 दिनों के भीतर टेंडर जारी करने की मांग की है। उनका कहना है कि मांग पूरी नहीं होने पर चरणबद्ध आंदोलन किया जाएगा।संघर्ष समिति के सदस्यों का जनप्रतिनिधियों पर गुस्सा फूटा।संघर्ष समिति के सदस्यों ने जनप्रतिनिधि की कार्य प्रणाली पर सवाल खड़े करते हुए उनको भी आड़े हाथ लिया और कहां की भूमाफियाओं के इशारों पर ओवर ब्रिज की स्वीकृति नहीं मिल पा रही है रेलवे द्वारा बनाए गए नक्शे पर अगर ब्रिज के टेंडर होते हैं तो कई माफिया की जमीन इस ब्रिज में चली जाएगी, माफिया जनप्रतिनिधि से साठ गाठ कर इस नक्शे को चेंज करवाने में लगे हुए हैं।